यज्ञ: एक ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि
मानव की शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शान्ति के लिए प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अनेक विधानों की व्यवस्था की थी, जिनका पालन करते हुए मानव अपनी आत्मशुद्धि, आत्मबल-वृद्धि और आरोग्य की रक्षा कर सकता है, इन्हीं विधि-विधानों में से एक है यज्ञ। वैदिक विधान से हवन, पूजन, मंत्रोच्चारण से युक्त, लोकहित के विचार से की...
Main Author: | |
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Format: | Article |
Language: | English |
Published: |
The Registrar, Dev Sanskriti Vishwavidyalaya
2018-10-01
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Series: | Interdisciplinary Journal of Yagya Research |
Subjects: | |
Online Access: | http://ijyr.dsvv.ac.in/index.php/ijyr/article/view/11 |