श्रीमद्भगवद्गीता में शूद्र की परिभाषा का यथोचित आधुनिक विश्लेषण

ʻजाति-विषयक भेदभाव के अङ्कुर प्रस्फुटित कहाँ से हुए’, क्या हमने कभी विचार किया? शास्त्रोक्त अनुदित विचार ही समाज में विभिन्न परिस्थितियों को जन्म देते हैं। प्रस्तुत आलेख में समाज की वर्तमानस्थिति को बताने हेतु श्रीमद्भगवद्गीता के 18 वें अध्याय के 44 वें श्लोक की व्याख्या पर लगभग 40व्याख्याओं एवं टीक...

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Bibliographic Details
Main Authors: Dr. Aparna (Dhir) Khandelwal, Prof. Bal Ram Singh
Format: Article
Language:English
Published: SUGYAN KUMAR MAHANTY 2020-12-01
Series:Prachi Prajna
Online Access:https://drive.google.com/file/d/1Gvhl_ZhnLJCdeeOJtAsxKIwhvulYVIBl/view