परमशिव एवं परब्रह्म
परम शिव एवं ब्रह्म दोनों ही भारतीय दर्शनों में परम सत्ता के रूप मे निरूपित हैं। एक का सम्बन्ध आगमों से है तथा दूसरे का सम्बन्ध वेदान्त से। अद्वैतवेदान्त में ब्रह्म की पूर्णतामूलक अवधारणा निषेधात्मक प्रतीत होती है क्योंकि उसमे कर्तृत्व व ज्ञातृत्व होते हुए भी स्वातन्त्र्य एवं बोध नहीं है। कर्तृत्व म...
Main Author: | |
---|---|
Format: | Article |
Language: | English |
Published: |
Dr. Chinmay Pandya
2014-01-01
|
Series: | Dev Sanskriti: Interdisciplinary International Journal |
Subjects: | |
Online Access: | http://dsiij.dsvv.ac.in/index.php/dsiij/article/view/33 |