बौद्ध दर्शन में वर्णित साधना पद्धति
साधना आत्मिक प्रगति का आधार है। साधना की तीन प्रणालियाँ मानी गई है- कर्म, ज्ञान और भक्ति। बुद्ध के अनुसार शरीर को दंड देने की अपेक्षा ज्ञान प्राप्ति से और ध्यान साधना के अभ्यास से निर्वाण प्राप्त हो सकता है। बौद्ध साधनाएँ ‘शील, प्रज्ञा और समाधि के रूप में ‘त्रिरत्न’ के नाम से भी जानी जाती हैं। बौद्...
Main Author: | |
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Format: | Article |
Language: | English |
Published: |
Dr. Chinmay Pandya
2015-07-01
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Series: | Dev Sanskriti: Interdisciplinary International Journal |
Subjects: | |
Online Access: | http://dsiij.dsvv.ac.in/index.php/dsiij/article/view/67 |